विपुल जोशी की तार्किक ज्योतिष- एक जरूरी किताब

        ज्योतिष में रुचि रखते हैं या नहीं रखते, तो भी यह किताब आप ही के लिए है। पराविद्याओं पर विश्वास है या इसे अंधविश्वास मानते हैंतब तो आप को यह पुस्तक जरूर पढ़ना चाहिए। मैं ऐसा इसलिए कह सकता हूँ क्योंकि मैंने इसे गंभीरतापूर्वक पढ़ा, समझा और थोड़ा संपादित भी किया। बहुत ही सरल, सहज शब्दों में किन्तु विद्वता पूर्ण और निष्पक्ष तरीके से लिखी गयी है।


       लेखक विपुल जोशी कोई पेशेवर ज्योतिषी नहीं है। वे सामान्यतया आपका भविष्य बताने की फीस भी नहीं माँगते। ग्रह अनुकूल करने के लिए कोई मँहगे माणिक- मोती खरीदने वाला उपाय भी नहीं बताते।  फिर भी उनके जातक को फायदा होता है तो यह अपनी रूचि के प्रति उनकी सच्ची आस्था 15 वर्षों के जिज्ञासु अध्ययन, मनन वाला अनुभव है।

        हो सकता है, यह पुस्तक पढ़ने के बाद आप छोटी- मोटी परेशानियों के लिए ज्योतिषियों के पास जाना ही छोड़ दें, क्योंकि आपको  समस्याओं का समाधान या शांति खुद नजर आने लगे। ,,,,,और विश्वास कीजिये, यदि गये भी तो शायद  ही कभी ठगे जाने की शिकायत करें।

    कोई विद्या बुरी नहीं होती। बुरा तो उसका अधकचरा ज्ञान होता है। उससे भी बुरा किसी ऐसी विद्या का अति व्यवसायीकारण होता है।  विपुल जोशी का मानना है कि तंत्र, मंत्र  ज्योतिष आदि जनकल्याण की पराविद्यायें है। अत्यधिक धन कमाने की लालसा रखने वालों ने इन्हें भी प्रदूषित कर दिया है।

        इसलिये किसी जन सामान्य को ज्योतिष या ज्योतिषी के पास जाने से पहले, उसके तार्किक और व्यावहारिक स्वरूप को जानना- समझना बहुत आवश्यक है। इसलिये निश्चित रूप से, नये- पुराने सभी जिज्ञासुओं और जातकों के लिए मैं इसे पढ़ने की व्यक्तिगत रूप से सलाह देता हूँ।

ईश्वर सबका कल्याण करें। शुभ मस्तु।

अरविंद कुमार 'साहू' (मोबाइल- 7007190413)

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