कांग्रेस में एक राष्ट्रवादी आवाज़ कैप्टन अमरिंदर के जाने के देश के लिए मायने?

कैप्टन का जाना महज एक आम सियासी उठापटक नहीं, बल्कि इसके गहरे निहितार्थ हैं। इस पर वरिष्ठ विचारक भगवान सिंह ने सटीक और सारगर्भित ढ़ंग से अचूक प्रकाश डाला है। 

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हिन्दू आतंकवाद के विषय में कुछ आशंकाएं

(1) क्या अमरेन्द्र को इसलिए हटाया गया कि वह पाकिस्तानी घुसपैठ का विरोध कर रहे थे और पाकिस्तानी नेतृत्व से नवजोत सिद्धू के सीधा गठजोड़ करने के कारण, उनसे भी दूरी बनाकर रख रहे थे, परंतु जिनकी जरूरत चीन और पाकिस्तान की मदद से भारत में अस्थिरता पैदा करने की, वर्तमान शासन को विफल करने की, भारत पर ऐसा संकट थोपने की थी जिसे वर्तमान शासन संभाल न सके और इस तरह उसकी विफलता का लाभ उनको मिले, नवजोत सिद्धू उन्हीं का चुनाव हैं और अमरेंद्र सिंह की कांग्रेस हाई कमांड में अलोकप्रियता पाकिस्तानी घुसपैठ के विरोध के कारण शुरू हुई?

(2) क्या सिद्धू का आचरण और बयान उसके पहले कांग्रेस के उन आत्मघाती मुंहफटों के सुर से मेल खाता नहीं रहा है जो अपने शासनकाल में ही (अ) अपनी पुलिस और अपने गृहमंत्रालय की रिपोर्ट के विरुद्ध बयानबाजी करते रहे और जघन्य अपराधियों को बचाने के लिए उनके स्थान पर पुलिस को अपराधी और हिंदुओं को उसका मास्टरमाइंड बनाने का प्रयत्न करते रहे।

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(3) जिन्होंने अपने ही संसद पर आक्रमण करने वालों का साथ दिया। जिन्होंने अपनी पुलिस के द्वारा अपराधी के रूप में गिरफ्तार किए गए समझौता एक्सप्रेस के अपराधियों को छोड़कर इसका आरोप हिंदुओं पर मढ़ने के लिए हिंदू आतंकवाद का आविष्कार किया और ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जिनके विरुद्ध वे अंत तक निर्णायक प्रमाण नहीं दे सके।

(3) क्या यह उसी परंपरा में है जिसमें हिंदू आतंकवाद पैदा करने के लिए पाकिस्तान से योजना बनाकर मुंबई में सीरियल ब्लास्ट कराया गया था और उसके एकमात्र पकड़े गए अभियुक्त को हिंदू आतंकवादी सिद्ध करने का प्रयास किया गया था और जब यह संभव नहीं हुआ तो लंबे अंतराल के बाद यह स्वीकार किया गया कि वह पाकिस्तानी है। इससे पहले शहीद हुए करकरे को भी हिंदू आतंकवाद का शिकार सिद्ध करने का प्रयत्न किया गया।

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(4) 2004 के बाद सोनिया के नियंत्रण में आने वाले और अहमद पटेल के सुझाव पर चलने वाले कांग्रेस के इरादे भारतीय समाज की स्थिति को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध थे। ईसाइयत के प्रचार और प्रसार के लिए कटिबद्ध और अपनी सहायता के लिए मुसलमानों की उग्रता का इस्तेमाल करते हुए हिंदुत्व को बदनाम करते हुए ईसाइयत के प्रचार प्रसार का खुला मैदान तैयार करने के लिए वह लगातार कांग्रेस की बलि देकर भी उसके आदर्शों और पुराने संस्कारों का वध करके भी, भारत द्रोही कार्यक्रमों पर अमल करती रही है और कांग्रेस को इसी की परिणति झेलनी पड़ी। उम्मीद है तो जहान है। उन्होंने आज की परिस्थिति में यह सोच कर कि पाकिस्तान तालिबान की मदद से भारत के लिए अधिक बड़ा खतरा पैदा कर सकता है और इसका प्रयोग भारत में इस तरह किया जा सकता है और पंजाब से यह घुसपैठ कराई जा सकती है इसलिए अमरेंद्र सिंह को दरकिनार किया गया है।

Cartoon: Abhimanyu Sinha
इसे मैंने जल्दबाजी में लिखा है । कोई इरादा न था। परंतु जिस मोहन मोहभंग के कारण मैं तत्समय राष्ट्रीय दल के रूप में कांग्रेस का सम्मान करने से विचलित हुआ था, और पाया था कि इस देश को अपनी सीमाओं के बावजूद केवल भाजपा ही संभालना चाहती है राष्ट्र्र हित का ध्यान रखने वाली अकेली वही पार्टी बच रही है. मैं सचमुच फासिस्ट हथकंड़ों का प्रयोग कतरे हुऐ गालियों, लानतोंं से घृणित बना दी गई पार्टी को गुण-दोष समझने को बाध्य हुआ और यदि कोई यह समझा सके कि किसी भी अन्य दल का सरोकार सत्ता से आगे बढ़ कर देश हित को, इसके विधान और संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों से अधिक है, तो सांस्कृतिक मोर्चे पर इसकी विफलताओं के कारण मैं उससे जुड़ना श्रेयस्कर मानूंगा।

Photo: India Today 
यदि कोई मेरे इन भ्रमों का के निवारण कर सकें तो अवश्य करें कि अफगानिस्तान के बदले हालात. पाकिस्तान के बदले तेवर और चीन के उसके समर्थन से भारत पर जो कहर बरपां होगा उससे उसमें नई आशा का संचार होगा और अहमद पटेल मरा नहीं है, उसका प्रेत कांग्रेस के काम आ रहा है। देश की रक्षा की चुनौतियां अवश्य बढ़ गई हैं और भारत को बाहरी मोर्चों पर तो लड़ना ही है अपने भीतर छुपे हुए गद्दारों से भी लड़ना है।

‍~BhagwanSingh

{लेखक। साहित्य के अतिरिक्त वैदिक अध्ययन, भाषा, इतिहास, संस्कृति पर अनुसंधान और लेखन।}

सटाक:

जिस दिन कैप्टेन ने कहा था, किसान आंदोलन से पंजाब को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है , आंदोलन करने वाले हरियाणा दिल्ली जाए, उसी दिन कैप्टेन की विदाई तय हो गई थी !!

सोनिया ने जिस आराजक आंदोलन पर हजारो करोड़ बर्बाद कर दिए वो आंदोलन बिना देश को क्षति पहुंचाए बिना बन्द हो जाए, तो कांग्रेस का धन्धा ही बन्द हो जायेगा, इसलिए सोनिया ने धन्धा फर्स्ट फार्मूले के तहत कैप्टेन को हटा दिया, अब कांग्रेस पंजाब में भी केजरी को मजबूती देगी क्योंकि अभी किसी भी राज्य को बर्बाद करने में केजरी फर्स्ट है !!!

~Anurag Mishra

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1 टिप्पणियाँ

  1. कैप्टन की राष्ट्रवादी, देशप्रेमी और काबिलियत के बारे में दो राय नहीं हो सकती। डूबती नाव में बैठे सिद्धू जी के बारे में अपने विचार उन्होंने स्पष्ट किए है।
    अब देशको तो मोदीजी संभाल लेंगे लेकिन नाव के साथ दोनो का डूबना निश्चित है।

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